Are certain individuals born to be teachers and can only those be truly competent? Or can people without such aspirations develop to become ‘great teachers’? Are there certain conditions, the presence of which foster such development?
पढ़ना एक अर्थपूर्ण प्रक्रिया है.
बाल मेला आयोजन के इसी क्रम में 15 जनवरी 2020 को शैक्षिक संवर्धन कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित "रेबारियों का गुड़ा" विद्यालय में बाल मेला के दौरान पुस्तकों के स्टॉल पर एक गतिविधि आयोजित की गई जिसमें बच्चों को एक छोटे बॉक्स में रखे पर्चियों में से एक पर्ची चुन कर उस पर लिखी पुस्तक के नाम को पढ़ कर वो पुस्तक ढूंढनी थी। पुस्तक ढूंढने के बाद मैंने उन सबको उस पुस्तक के कुछ पन्नों को पढ़ने का आग्रह किया और बोला कि पढ़ने के बाद उनकी जो भी समझ बनी वो हम सबके साथ साझा करें। बच्चें अपनी ढूंढी हुई पुस्तकों में से कुछ अंश को पढ़ कर अपनी समझ व्यक्त कर रहे थे। इसी स्टॉल पर कक्षा छठी की एक छात्रा “प्रेम लता” के हाथ एक पुस्तक "KOLABA" हाथ लगी, उसने "अंग्रेजी" भाषा की इस किताब को पढ़ने में असमर्थता जाहिर की. प्रेम लता के शब्दों में " मुझे इंग्लिश पढ़ना नही आता है, मैं कोई हिंदी की किताब लेकर पढूँ"?
मैंने उस बच्ची से बातचीत शुरू करके यह पूछा कि क्या वो अंग्रेजी की वर्णमाला को पहचानती है? उसने कहा कि हाँ मुझे आती है.. तब मैंने कहा कि चलो दोनों मिलकर इस पुस्तक में लिखी हुई अंग्रेजी वर्णमाला को पढ़ते हैं।
पढ़ने के क्रम में यह बात निकल कर आई कि इसे वर्णमाला की पहचान है, परंतु शब्दों को पढ़ने में इसे कठिनाइयाँ आ रही थी। पुस्तक में लिखे कुछ शब्द जो इस बच्ची के संज्ञान में पहले से मौजूद थी, उसे वो पढ़ पा रही थी.. जैसे:- animal, village, tree. एक शब्द "hills" आया जिसका अर्थ इस बच्ची को पता नही था, मैने पूछा कि आपके विद्यालय के पीछे यह क्या है? उसने जवाब दी, "पहाड़"। (विद्यालय के ठीक पीछे एक छोटी सी पहाड़ी है)
इसी बीच मैं दूसरे बच्चों के साथ बातचीत करने लगा तथा यह बच्ची अपनी पुस्तक पढ़ना जारी रखी.. थोड़ी देर बाद इसने एक शब्द के बारे में पूछा कि सर् यह "पीपल" (people) है ना, यह पेड़ हमारे गाँव मे भी है। यहां पर इसे इस "people" का अर्थ बता तो दिया गया परंतु जिस पीपल का वर्णन इसने किया वो भी तो सही हीं था?? क्यूंकि इस बच्ची को अपने परिवेश की पहचान है तभी शायद इन्होंने इस शब्द को अपने पूर्व ज्ञान से जोड़ने की कोशिश की।
मेले के समापन के पश्चात जब हम पूरी टीम विद्यालय से प्रस्थान करने वाले थे तभी यह बच्ची हमारे पास आकर बोली "थैंक्यू सर्, आपने मुझे अंग्रेजी पढ़ना सिखाया"। मैं जवाब में बस इतना हीं बोल पाया कि "मैंने आपको अंग्रेजी नही सिखाया, बल्कि आपको ये विश्वास दिलाने में थोड़ी मदद किया कि आपको अंग्रेजी पढ़ना आती है"।